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दोस्ती का मतलब 🤝❣️🤝 Friends for life ❣️

🤝 ऐसा रिश्ता जिस पर नाज़ करे दुनिया 🤝


मानव बचपन से ही दो तरह के संबंध से जुड़ा होता है पहले वो जो बचपन से उसके साथ होते है उसका परिवार  और दूसरे वो जिन्हें वो खुद से अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाता है उसके दोस्त। शायद ही कोई बदनसीब होगा जिसके दोस्त ना हो। यह एक ऐसा सम्बन्ध है जिसे आप अपनी इच्छा के अनुसार चुनते है।

कहने को तो हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लाखों करोड़ों लोगों से मिलते है मगर हम दोस्त कुछ लोगो को ही बनाते है। दोस्ती ज़िंदगी के लिए बहुत जरूरी रिश्ता है। अगर इस रिश्ते का थोड़ा सा भी हिस्सा दूसरे रिश्ते में मिला दिया जाए तो उस रिश्ते का रूप ही बदल जाता है। " My mom is my best friend", " My brother is my best friend" किसी बच्चे को उसके मम्मी- पापा, भाई- बहन तभी अच्छे लगते है जब उनमें एक अच्छा दोस्त दिखाई देता है। हम दोस्ती के रिश्ते को जाने- अनजाने में बाकी सभी रिश्तों में खोजने की कोशिश करते है।
                      
कभी सोचा है कि अगर दोस्त ना होते तो ज़िंदगी कितनी बेकार और बोरिंग होती? 
किसी ने सोचा है कि ज़िंदगी में दोस्ती है या दोस्ती में ज़िंदगी? 



ये रिश्ता जितना पुराना होता है उतना ही सच्चा होता है उतना ही अच्छा होता है। कहने को तो पहले सही मायने में लोग दोस्ती को निभाते थे मगर आज के समय में लोग दोस्त को सिर्फ इस्तमाल करते है। दोस्ती कोई चीज़ नहीं जो इस्तमाल करके छोड़ दी जाए। अगर माने तो दोस्ती सब कुछ है ना माने तो कुछ नहीं। अगर किसी से दोस्ती करो तो दिल से करो गर्व से कहो कि ये मेरा दोस्त है। 

कहते है अच्छे समय में तो सब साथ देते है मगर दोस्त वही होता है जो बुरे समय में साथ दे। दोस्त वो नहीं जो सिर्फ अच्छे समय में साथ दे दोस्त सच्चा वहीं होता है जो बुरे समय में भी साथ ना छोड़े। 


 "कुछ पल मे जिंदगी की तस्वीर बन जाती है,कुछ पल मे जिंदगी की तकदीर बन जाती है,किसी को पाकर कभी खोना मत मेरे दोस्त,क्योंकि एक जुदाई से पुरी जिंदगी बिखर जाती है"।



सोचिये कि उस व्यक्ति का जीवन भी क्या जीवन होगा जिसके कई रिश्तेदार तो हैं पर कोई दोस्त नहीं है। आप अपनी हर छोटी-बड़ी बात उस व्यक्ति को बता सकते हैं जिसे आप अपना सबसे अच्छा दोस्त समझते हैं फिर चाहे वो आपके parents हों या कोई अन्य। दोस्ती का कोई भी रूप हो सकता है।

एक बात ज़रूर याद रखिये कि इस प्यारे से रिश्ते को भी attention की उतनी ही ज़रुरत होती है जितनी कि किसी और रिश्ते को। इसे लम्बे समय तक चलाने के लिए दोनों को अच्छे से एक साथ समय व्यतीत करना पड़ता है एक दूसरे को समझना पढ़ता है। 

हम वक़्त गुजारने के लिए दोस्त नहीं बनाते, दोस्तो के साथ रहने के लिए वक़्त रखते है। 

कहते हैं दुनियां में मंहगी से महंगी जगह घर बनाना फिर भी आसान है पर किसी के दिल में सच्ची जगह बनाना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए सच्चा दोस्त मिलना उतना आसान भी नहीं होता।

     

Dedicated to all my dear friends.

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Written by. Kajal Gupta 

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