भगवान का दूसरा रूप पिता......
बेशक पिता लोरी नहीं सुनाते और न ही मां जैसा प्यार करते है। लेकिन दिनभर की थकान के बाद रात का पहरा बन जाते है। जब सुबह घर से निकलते है तो किसी की किताब, किसी की दवाई और किसी के खिलौने को पूरा करते है और घर भर की सपने पिता के होते है। हर घड़ में साथ निभाता बहुत मान इंसान है सच कहूं तो वो भगवान है। पापा, पिता तो उसका प्यारा सा नाम है। जन्म का अर्थ शायद मां से हो लेकिन मेरी तकदीर मेरे पिता से है।
मुझे मोहब्बत है अपने हाथ की सभी उंगलियों से क्योंकि न जाने किस उंगली को पकड़ कर मम्मी पापा ने मुझे चलना सिखाया था। अजीज भी वो है, नसीब भी वो है, दुनिया की भीड़ में सबसे करीब भी वो ही है। उनकी दुआओ से ही चलती है जिंदगी क्योंकि खुदा भी वो है तकदीर भी वो है...............
फादर्स डे क्यों बनाया जाता है?
हर साल जून माह के तीसरे सप्ताह में फादर्स डे मनाते है और पिता के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि यह परिकल्पना आईं कहां से और इसकी शुरुआत कैसे हुई? इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है। साल 2020 में फादर्स डे को 110 साल पूरे हो गए है।
दिन की शुरुआत 19 जून 1910 से हुई थी। लेकिन इसे आधिकारिक मान्यता 1972 में मिली थी।
माना जाता है कि फादर्स डे सबसे पहले 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया. इसके पीछे सोनेरा डोड की एक रोचक कहानी है. सोनेरा डोड जब छोटी थी, तभी उनकी मां का निधन हो गया था. पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरो के जीवन में मां की कमी महसूस नहीं होने दी और उन्हें एक पिता के साथ-साथ मां का भी प्यार दिया. एक दिन यूं ही सोनेरा के दिल में ख्याल आया कि आखिर एक दिन पिता के नाम क्यों नहीं हो सकता? ....इस तरह 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया।
1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने फादर्स डे पर अपनी सहमति दी। फिर 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की।1972 में अमेरिका में फादर्स डे पर स्थायी अवकाश घोषित हुआ।
मेरी पहचान है मेरे पापा, मेरी हर खुशी है मेरे पापा, जो है लाखो में एक वो मेरी जान है मेरे पापा.....❤️
जो पिता लाखों दुख झेल कर आंखो से एक आंसू नहीं निकलता, वो पिता अपनी बेटी की बिदाई पर आंसू रोक नहीं पाता........❤️
मेरे सपने पूरे करने को उन्होंने अपनी नींद उड़ाई है, एक पल को खुद को भूलकर मुझमें अपनी दुनिया बसाई है........❤️
जिंदगी जीने का मज़ा तो आपसे मांग हुए सिक्को से था पापा हमारी कमाई से तो जरूरतें भी पूरी नहीं होती........❤️
Written by. Kajal Gupta
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