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Corona Crisis

 Covid-19: कोरोना की दूसरी लहर से त्राहिमान, भारत बेहाल




Kajol Gupta: देश में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर भारत के लिये तबाही ले कर आई है। भारत बुरी तरह कोविड-19 की दूसरी लहर की चपेट आ चुका है। प्रतिदिन दो से तीन लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं और दिन प्रतिदिन मृतकों की संख्या दो से तीन हजार के पार जा रही है, हालत चिंताजनक ही नहीं भयावह होते जा रहे है। देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तरप्रदेश के कई बड़े-छोटे शहरों में ऑक्सीजन की भरपूर कमी देखी जा रही है। मरीज ऑक्सीजन के लिए तरस रहे है। अस्पताल बड़ा हो या छोटा सबकी हालत एक जैसी हो गई है। ऑक्सीजन आपूर्ति की मांग और उपलब्धता का फर्क इससे भी समझा जा सकता है। देश की राजधानी दिल्ली में एक अस्पताल ने तो आक्सीजन की कमी का हवाला दे कर हाईकोर्ट का रुख कर लिया था। इसी बीच कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार से कोरोना की स्थिति न संभलने का हवाला देते हुये केंद्र सरकार के अधीन सौंप दिया है।


कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से बेहद खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि पहली लहर में मरीज दवाई न होने की वजह से मर रहे थे। दूसरी लहर में मरीजों के लिए दवाई तो है लेकिन ऑक्सीजन नहीं है। ऑक्सीजन की कमी होने से मरीज मर रहे है। कोरोना की दूसरी लहर में 90% मरीज ऑक्सीजन सपोर्टर ही है, इसलिए ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ रही है। हालांकि सरकारें ये दावा कर रही हैं कि उनके पास बेड है, डॉक्टर्स है लेकिन अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन नहीं है का हवाला दे कर लगातार गुहार लगा रहे हैं कि उनके यहाँ आक्सीजन नहीं है, इसलिए वे मरीजों को भर्ती नहीं कर सकते है।


दिल्ली के बड़े-छोटे अस्पताल, कभी कोई अस्पताल तो कभी को अस्पताल नोटिस जारी कर रहा है कि उनके अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने वाली है सिर्फ डेढ़ घंटे की बची है या दो घंटे की बची है। इतने मरीजों की जान खतरे में है। बहुत बड़ा संकट आ सकता है। तबाही हो सकती है। हमने चेतावनी दी है। सरकार मदद करें। बीते दिनों में गंगाराम अस्पताल के 25 मरीज, सिग्नस रामा विहार अस्पताल के दो मरीज और जयपुर गोल्डन अस्पताल के 20 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हो चुकी है। छोटे से छोटा अस्पताल हो या बड़े से बड़ा अस्पताल सबकी सांसे अटकी पड़ी है। सभी अस्पतालों के ऑक्सीजन के टैंको की लालबत्ती जल रही है। बाते दें कि ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए भारतीय रेलवे, भारतीय वायु सेना के पायलट दिन रात काम कर रही है ताकि ऑक्सीजन की सख्त जरूरत वाले मरीजों तक समय पर ऑक्सीजन पहुंचा सकें और उनकी जान बचाई जा सके।


अस्पताल प्रशासन मदद के लिए सरकार, केन्द्र सरकार जिसको भी फोन कर सकते हैं कर रहे है और कुछ नहीं कह रहे है, बस कह रहे है कि दो सौ से ज्यादा, तीन सौ से ज्यादा कोरोना के मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है और ऑक्सीजन के टैंक में रेड लाइट जलने लगे, प्रैशर कम होने लगे, ऑक्सीजन का लेवल जीरो की तरफ दिखने लगे तो हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर्स का क्या हाल होगा। जो डॉक्टर्स अपनी जान पर खेल कर मरीजों की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, वो आक्सिजन की कमी से पैनिक में हैं। दूसरी बड़ी परेशानी है दवाओं की। जो दवाएं पहले पन्द्रह रूपए में मिलती थी वो या तो दुकान से गायब हो गई है या दोगुनी कीमत पर मिल रही है। वहीं जो इन्जेक्शन 500 का था उसके लिए एक लाख रुपए तक मांगे जा रहे हैं। जो ऑक्सीजन का सिलेंडर पहले पांच सौ रूपए में मिलता था अब उसे पन्द्रह हजार से बीस हजार में बेचा जा रहा है। यानि वहीं कहावत जिसकी जितनी मजबूरी उसके उतने ज्यादा दाम।


दिल्ली, मुंबई, यूपी, महाराष्ट्र, लखनऊ, पटना, कानपुर, वाराणसी, गुरुग्राम, मुंबई में लोगों में दहशत फैली हुई है, क्योंकि पूरा का पूरा परिवार कोविड की चपेट ने आ रहा है। देश के सभी राज्यों में लोग रेमडेसिविर के एक एक इंजेक्शन के लिए, तो कहीं ऑक्सीजन के एक एक सिलेंडर के लिए तड़प रहे है। ऐसी आपदा को भी जमाखोरों ने अवसर में बदल लिया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की ब्लैकमार्केटिंग शुरू कर दी है तो कहीं नकली इंजेक्शन बैचे जा रहे है। कहीं कोरोना वैक्सीन की चोरी की जा रही हैं। उदाहरण के लिए, बीते दिनों भोपाल अस्पताल से एक नर्स का वाकया सामने आया था। जब यह मामला खुला तो पुलिस भी हैरान हो गई। नर्स पैसों के लालच में इतनी गिर गई कि वो अपनी इंसानियत ही भूल गई। नर्स अस्पताल में मरीजों को नॉर्मल इंजेक्शन देके रेमडेसिविर इंजेक्शन चुरा लेती थी, फिर उसे अपने प्रेमी के हाथों ब्लैक में बिकवा देती थी। 


बहरहाल देश में सरकारी आंकड़ों और जमीनी हकीकत में बहुत फर्क है। सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीरें इस बात की गवाही देते हैं, कि भारत पूरी तरह कोरोना की दुसरी लहर के भवंडर में फंसा हुआ है।


सभी राज्यों की सांसे हलक में अटकी हुई है। कोरोना की दुसरीं लहर ने कई महत्वपूर्ण हस्तियों के साथ साथ बहुत से लोगों को हमसे छीन लिया है, लेकिन जो चीज़ हैरान कर रही है वो है राजनीति। राज्यों की हठधर्मिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक लाइव करने पर जिस तरह पूरी पलटन ने आ कर केजरीवाल पर हमला बोला वो राजनीति का स्तर दिखाता है कि कैसे कुछ लोग ऐसे समय में भी बस राजनीति करना चाहते हैं।


उत्तर प्रदेश में हाल भयावह हैं यहाँ अब तक तीन मौजूद विधान परिषद सदस्यों की मौत हो चुकी है कोरोना से हर रोज यहाँ किसी न किसी का पत्र वाइरल हो रहा है बाबजूद इसके सरकार है कि मानने को तैयार नहीं है कि उनके राज्य में कुछ चीजों का संतुलन ठीक नहीं है। रही सही कसर, पूरी कर देते हैं कुछ निर्णय जैसे शिक्षकों की मौत के बावजूद चुनाव, इस कोरोना काल में योगी सरकार के कुछ निर्णय ने हठधर्मिता जैसा व्यवहार दर्शाया है। वहीं महाराष्ट्र में स्थिति और ज्यादा भयावह है। यहाँ भी हालत कम भत्तर नहीं है लेकिन सरकार कोई भी हो सब आकड़ो से खेल रहे हैं। आम जनता इनके लिए बस आकंडे हैं इससे ज्यादा कुछ नहीं। 


🙏 मास्क लगाओ, या मत लगाओ, आपकी मर्जी है साहब..मगर याद रखना..सरकार के लिये..आप सिर्फ एक आंकड़ा हो..पर अपने परिवार के लिये..आप पुरी दुनियां हो. 


😊 माना ये दौर मुश्किल हैं, और इससे जूझना कठिन.. लेकिन नामुमकिन तो नहीं है न, तू अपने आत्मविश्वास का विस्तार कर..उम्मीदों से भरा श्वास लें, अपनो की मदद कर, सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा..जैसा कल था, वैसा कल भी होगा.. इस पर विश्वास रख..जो दौर हम जिते थे, वह जल्द लौट आएगा, बहुत जल्द लौट आएगा.....#stayhomestaysafe

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