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Corona Crisis

  Covid-19: कोरोना की दूसरी लहर से त्राहिमान, भारत बेहाल Kajol Gupta: देश में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर भारत के लिये तबाही ले कर आई है। भारत बुरी तरह कोविड-19 की दूसरी लहर की चपेट आ चुका है। प्रतिदिन दो से तीन लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं और दिन प्रतिदिन मृतकों की संख्या दो से तीन हजार के पार जा रही है, हालत चिंताजनक ही नहीं भयावह होते जा रहे है। देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तरप्रदेश के कई बड़े-छोटे शहरों में ऑक्सीजन की भरपूर कमी देखी जा रही है। मरीज ऑक्सीजन के लिए तरस रहे है। अस्पताल बड़ा हो या छोटा सबकी हालत एक जैसी हो गई है। ऑक्सीजन आपूर्ति की मांग और उपलब्धता का फर्क इससे भी समझा जा सकता है। देश की राजधानी दिल्ली में एक अस्पताल ने तो आक्सीजन की कमी का हवाला दे कर हाईकोर्ट का रुख कर लिया था। इसी बीच कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार से कोरोना की स्थिति न संभलने का हवाला देते हुये केंद्र सरकार के अधीन सौंप दिया है। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से बेहद खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि पहली लहर में मरीज दवाई न होने की वजह से मर र
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Special for Father's day ❣️❣️❣️

भगवान का दूसरा रूप पिता...... बेशक पिता लोरी नहीं सुनाते और न ही मां जैसा प्यार करते है। लेकिन दिनभर की थकान के बाद रात का पहरा बन जाते है। जब सुबह घर से निकलते है तो किसी की किताब, किसी की दवाई और किसी के खिलौने को पूरा करते है और घर भर की सपने पिता के होते है। हर घड़ में साथ निभाता बहुत मान इंसान है सच कहूं तो वो भगवान है। पापा, पिता तो उसका प्यारा सा नाम है। जन्म का अर्थ शायद मां से हो लेकिन मेरी तकदीर मेरे पिता से है। मुझे मोहब्बत है अपने हाथ की सभी उंगलियों से क्योंकि न जाने किस उंगली को पकड़ कर मम्मी पापा ने मुझे चलना सिखाया था। अजीज भी वो है, नसीब भी वो है, दुनिया की भीड़ में सबसे करीब भी वो ही है। उनकी दुआओ से ही चलती है जिंदगी क्योंकि खुदा भी वो है तकदीर भी वो है............... फादर्स डे क्यों बनाया जाता है?  हर साल जून माह के तीसरे सप्ताह में फादर्स डे मनाते है और पिता के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि यह परिकल्पना आईं कहां से और इसकी शुरुआत कैसे हुई? इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है। साल 2020 में फादर्स डे को 110 साल पूरे हो गए

Stay Safe ❤️

ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, बस 6 फीट की दूरी रखेंगे। दिल्ली मेट्रो ने की अपील। देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस कोरोना वायरस महामारी के वजह से ज़िन्दगी थम सी गई है। कोरोना संकट के वजह से लॉकडाउन में मानो जैसे कि देश की अर्थव्यवस्था ही पटरी से उतर गई हो। राजधानी दिल्ली की ज़िन्दगी या लाइफ लाइन कहीं जाने वाली दिल्ली मेट्रो का भी हाल कुछ ऐसा ही है। फिलहाल इस बुरे दौर में भी डीएमआरसी ने एक दिलचस्प अंदाज में कोरोना के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का जिम्मा उठाया है. दिल्ली डीएमआरसी इन दिनों अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर लोगों को समझदारी बरतने की सलाह दे रही है. दिल्ली मेट्रो प्रशासन ने बॉलीवुड गानों का सहारा लेकर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर के इस्तेमाल करने का पाठ पढ़ा रही है. वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (WHO) शुरुआत से ही लोगों को साबुन या सैनिटाइजर से अच्छे से और बार बार हाथ धोने की सलाह दे रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट की इस अपील को डीएमआरसी ने गानों में पिरोकर लोगों तक पहुंचाने का काम किया है. इस मैसेज को बताने के

Special for brothers ❤️

भाई की यारी सबसे प्यारी जो बुरी नज़र से देखे उसकी सामत आई। कहा जाता है कि बहन कितनी भी नखरे वाली कियूं ना हो भाई से ज्यादा दुनिया में लड़की के नखरे कोई नहीं उठा सकता है।  एक ऐसा रिश्ता जिसमे बहुत लड़ाई होती है लेकिन कभी एक दूसरे से जुदा होने की नहीं सोचते है अगर दोनों एक दूसरे से लड़ाई ना करे तो ज़िन्दगी अधूरी से रह जाती है। वो भाई ही होता है जो बहन के सामने तो उसकी बुराई करता है लेकिन दुनिया के सामने बहन की तारीफ करता है और कोई दूसरा बुराई करे तो उसको सीधा कर देता है। बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता वो चाहे दूर भी हो तो भी कोई ग़म नहीं होता अक्सर रिश्ते दूरियों से फिके पड़ जाते है पर एक भाई बहन का प्यार कभी कम नहीं होता। भाईयो के पास जान कहने वाली गर्लफ्रेंड् हो या ना हो लेकिन ओय हीरो कहने वाली बहन जरूर होनी चाहिए। सारी दुनिया अधूरी रह जाए भाई बहन का रिश्ता ना खो जाए सांस टूटे या  सपना टूटे पर भाई बहन का रिश्ता ना टूट जाय। इतिहास ।  ब्रदर्स डे मनाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में सी डैनियल रोड्स अलबामा ने की थी। जहां इस दिन को वो लोग मनाते हैं जो रिश्ते

corona warriors

अपनी जान को दांव पर लगा कर दूसरो की जान बचाने वाले : कोरोना वॉरियर्स। पूरा देश इस समय कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है। कोरोना वायरस पूरे देश में आग की तरह फैलता ही जा रहा हैं। कोरोना वायरस की चपेट में सारे देश आ चूके है सब यही सोच रहे है कि जल्द से जल्द ये बीमारी खत्म हो और लॉकडाउन खुले और सब कुछ पहले जेसा हो जाए। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता तब तक कोरोना वॉरियर्स की जिम्मेदारी काफी ज्यादा है। पुलिस कर्मियों से लेकर डॉक्टर्स नर्स और सुरक्षा, सफाई कर्मचारी हर किसी को अपनी जान दांव पर लगा कर दूसरों की जान बचानी हैं और वैज्ञानिक जो दवा बनाने में लगे हुए हैं। ये सब थके होने के बावजूद  लगातार काम कर रहे हैं। ये सब किसी भी सुपर हीरो से कम नहीं हैं। इन सभी ने खुद को देश के लिए समर्पित कर दिया है। ये सभी लोग वायरस के खिलाफ डटकर सबसे आगे खड़े हैं और डटकर विपत्ति का सामना कर रहे हैं।   कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर, नर्स :   डॉक्टस और नर्स कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों, मरीजो को बचाने में लगे हुए हैं। मरीजो का इलाज करते करते कई डॉक्टर्स नर्सो की भी जान जा चुकी हैं। वायरस क

Special for mother's day ❤️❤️❤️

ईश्वर जरुर माँ जैसे दिखते होंगे हर एक के जीवन में मां एक अनमोल इंसान के रूप में होती है जिसके बारे में शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान हर किसी के साथ नहीं रह सकता इसलिए उसने मां को बनाया। एक मां हमारे जीवन की हर छोटी बड़ी जरूरतों का ध्यान रखने वाली और उन्हें पूरा करने वाली देवदूत होती है। कहने को वह इंसान होती है, लेकिन भगवान से कम नहीं होती। मां ही मन्दिर है और मां ही पूजा है और मां ही तीर्थ है।  कहते हैं दुनिया में माँ की मोहब्बत का कोई वार नही है।  जब दवा काम न आये तब नजर उतारती हैं, ये माँ हैं साहब हार कहाँ मानती हैं। मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का विश्वास और प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के खातिर सारी दुनिया से लड़ सकती है। वो एक अकेली बहुत होती है बुरी नजरों और दुनिया के स्वार्थ से अपनी औलाद को बचाने के लिए।    मदर्स डे क्यों मनाया जाता है? मदर्स डे को लेकर कई मान्यताएं हैं। कुछ का मानना है कि मदर्स डे के इस खास दिन की शुरुआत अमेरिका से

दोस्ती का मतलब 🤝❣️🤝 Friends for life ❣️

🤝 ऐसा रिश्ता जिस पर नाज़ करे दुनिया  🤝 मानव बचपन से ही दो तरह के संबंध से जुड़ा होता है पहले वो जो बचपन से उसके साथ होते है उसका परिवार  और दूसरे वो जिन्हें वो खुद से अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाता है उसके दोस्त। शायद ही कोई बदनसीब होगा जिसके दोस्त ना हो। यह एक ऐसा सम्बन्ध है जिसे आप अपनी इच्छा के अनुसार चुनते है। कहने को तो हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लाखों करोड़ों लोगों से मिलते है मगर हम दोस्त कुछ लोगो को ही बनाते है। दोस्ती ज़िंदगी के लिए बहुत जरूरी रिश्ता है। अगर इस रिश्ते का थोड़ा सा भी हिस्सा दूसरे रिश्ते में मिला दिया जाए तो उस रिश्ते का रूप ही बदल जाता है। " My mom is my best friend", " My brother is my best friend" किसी बच्चे को उसके मम्मी- पापा, भाई- बहन तभी अच्छे लगते है जब उनमें एक अच्छा दोस्त दिखाई देता है। हम दोस्ती के रिश्ते को जाने- अनजाने में बाकी सभी रिश्तों में खोजने की कोशिश करते है।                         कभी सोचा है कि अगर दोस्त ना होते तो ज़िंदगी कितनी बेकार और बोरिंग होती?  किसी ने सोचा है कि ज़िंदगी में दोस्ती है या दोस्त